अक्षय तृतीया 2024: अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, जानिए तिथि व सोना चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त और तिथि के बारे में
- Saral Jyotish Upay
अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होता है तो इस दिन किया गया हर काम शुभ और फलदायी होता है। ऐसे में आप सुबह से लेकर रात तक किसी भी समय सोना खरीद सकते हैं। इस दिन सोना-चांदी के अलावा वाहन, भूमि, प्लॉट और दुकान खरीदना भी शुभ माना गया है। ऐसे में आप सुबह से लेकर रात तक किसी भी समय सोना खरीद सकते हैं। इस दिन सोना-चांदी के अलावा वाहन, भूमि, प्लॉट और दुकान खरीदना भी शुभ माना गया है।
अक्षय तृतीया का दिन हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है. इसे दीपावली (Diwali 2024) की तरह बहुत ही शुभ माना जाता है.
शास्त्रों में तो इस तिथि को स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा गया है. अक्षय तृतीया पर खासकर मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) और विष्णु (Vishnu Ji) की पूजा की जाती है.
साथ ही लोग इस दिन सोने की खरीदारी भी करते हैं. अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने को शुभ माना जाता है.
लेकिन इस वर्ष अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर ऐसे खई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें कुछ राशियों की किस्मत सोने की तरह चमकेगी.
अक्षय तृतीया तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त 2024
इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार, 10 मई को मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी। वहीं इस तृतीया तिथि का समापन 11 मई 2024 को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगी। उदया तिथि के आधार पर 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया त्योहार पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया पर्व तिथि व मुहूर्त 2024
शुक्रवार, 10 मई 2024
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – 05:38 ए एम से 12:10 पी एम
अवधि – 06 घण्टे 32 मिनट्स
तृतीया तिथि प्रारंभ – मई 10, 2024 को 04:17 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – मई 11, 2024 को 02:50 ए एम बजे
अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में भी इस तिथि का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब अक्षय तृतीया का पर्व आता है तब सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में रहते हैं, साथ ही इस तिथि पर चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद होते हैं। माना जाता है इस दौरान सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सबसे ज्यादा चमकीले यानी सबसे ज्यादा प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। इस तरह से अक्षय तृतीया पर ज्यादा से ज्यादा प्रकाश पृथ्वी की सतह पर मौजूद रहता है। इस कारण से इस अवधि को सबसे शुभ समय माना जाता है।
10 मई को अक्षय तृतीया पर धन योग (Dhan Yog) बन रहा है|
इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर वृषभ राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग (Gajkesari Yog) भी बनेगा |
इस दिन सूर्य और शुक्र युति मेष राशि में होने से शुक्रादित्य योग (Shukraditya Yog) भी बनेगा|
साथ ही मंगल और बुध की युति से धन योग, शनि के कुंभ राशि में होने से शश योग बनाएंगे|
अक्षय तृतीया से जुड़ी मान्यताएं
अक्षय तृतीया से कई मान्यताएं, और कहानियां भी जुड़ी हैं। इसे भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है। यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है। मान्यता है कि इस तिथि को उपवास और स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का फल न कभी कम होता है और न नष्ट होता है, इसलिए इसे अक्षय (कभी न नष्ट होने वाला) तृतीया कहा जाता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए|